IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) प्रक्रिया आमतौर पर महिला के पीरियड्स शुरू होने के 2 से 3 दिन बाद शुरू होती है, जब हार्मोनल इंजेक्शन देकर अंडों के विकास को उत्तेजित किया जाता है।
IVF प्रक्रिया का समय
फर्टिलिटी विशेषज्ञों के अनुसार, IVF ट्रीटमेंट की शुरुआत महिला के मासिक धर्म (पीरियड्स) के दूसरे या तीसरे दिन की जाती है। इस वक्त बेसलाइन टेस्ट (ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड) भी किए जाते हैं ताकि ओवरी की हालत और हार्मोन का स्तर जांचा जा सके।
- हार्मोनल इंजेक्शन्स से ओवरी में कई अंडों का विकास करवाया जाता है।
- यह स्टिम्युलेशन फेज लगभग 10-12 दिनों तक चलता है।
- पीरियड्स के 2-3 दिन बाद शुरू हुआ यह फेज नियमित जांच (अल्ट्रासाउंड और रक्त जांच) के साथ मैनेज किया जाता है।
IVF के मुख्य चरण
IVF की प्रक्रिया इस प्रकार होती है:
- बेसलाइन टेस्ट: पीरियड के पहले या दूसरे दिन ब्लड टेस्ट व अल्ट्रासाउंड किया जाता है। इससे FSH, LH, Estradiol और AMH आदि हार्मोन्स के स्तर का पता चलता है।
- हार्मोनल स्टिमुलेशन: पीरियड्स के 2-3 दिन बाद रोज़ाना इंजेक्शन दिए जाते हैं जिससे अंडे बनने लगते हैं।
- एग रिट्रीवल: जब अंडे पर्याप्त रूप से परिपक्व (मिच्योर) हो जाएं, तो एक ट्रिगर इंजेक्शन दिया जाता है और 34-36 घंटे बाद अंडे निकाले (रिट्रीव) जाते हैं।
- फर्टिलाइज़ेशन: निकाले गए अंडों को लैब में स्पर्म के साथ मिलाया जाता है।
- एंब्रियो ट्रांसफर: तैयार किए गए एंब्रियो को 3-5 दिन बाद गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है।
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पीरियड के बाद IVF के चरण विस्तार
- पीरियड के 2-3 दिन बाद से उपचार शुरू।
- 10-12 दिन तक हार्मोनल इंजेक्शन्स।
- परिपक्व अंडे बनने के बाद ट्रिगर शॉट।
- ट्रिगर के 34-36 घंटे बाद एग रिट्रीवल।
- 3-5 दिन में एंब्रियो का ट्रांसफर।
पूरी प्रक्रिया आम तौर पर पीरियड्स शुरू होने के बाद 2-3 हफ्ते तक पूरी हो जाती है।
प्रक्रिया के दौरान सावधानियां
- नियमित मेडिकल जांच बहुत जरूरी है।
- हार्मोनल दवाओं के संभावित प्रभाव जैसे हल्का दर्द, सूजन, ब्लोटिंग महसूस हो सकते हैं।
- डॉक्टर से परामर्श लेकर दवाओं का सही उपयोग करें।
Femmenest IVF Centre में क्या विशेष?
Femmenest IVF Centre में प्रत्येक चरण को विशेषज्ञों की देखरेख में किया जाता है ताकि सफलता की संभावना बढ़ सके। यहां व्यक्तिगत देखभाल, लेटेस्ट टेक्नोलॉजी और अनुभवी विशेषज्ञों के सहयोग से IVF के हर स्टेप को सुचारू और सुरक्षित तरीके से पूरा किया जाता है।
निष्कर्ष:
IVF प्रक्रिया महिला के मासिक चक्र के अनुसार ही निर्धारित की जाती है और आमतौर पर पीरियड्स के दूसरे या तीसरे दिन से शुरू की जाती है। यह समय सही रखने से IVF की सफलता के चांस बढ़ जाते हैं, इसलिए सही सलाह व समय का चयन बेहद जरूरी है।